Opinion: आरसीबी की ट्रॉफियां उनके फैंस हैं, आज नहीं तो कल 'ई साला कप नामदे'
Advertisement
trendingNow12223715

Opinion: आरसीबी की ट्रॉफियां उनके फैंस हैं, आज नहीं तो कल 'ई साला कप नामदे'

RCB In IPL: आरसीबी ट्रॉफी कब जीतेगी सवाल बड़ा है लेकिन कठिन नहीं है. कई नजरिए से इस सवाल को देखा जाए तो पिक्चर क्लियर हो जाएगी. इसमें आरसीबी टीम, विराट कोहली, आरसीबी मैनेजमेंट और फिर ऑक्शन के अलावा बतौर फैन का भी नजरिया शामिल होना चाहिए.

Opinion: आरसीबी की ट्रॉफियां उनके फैंस हैं, आज नहीं तो कल 'ई साला कप नामदे'

Royal Challengers Bangalore: इंडियन प्रीमियर लीग का दूसरा ही साल था 2009, फाइनल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु यानि कि आरसीबी की टीम डेक्कन चार्जर्स से भिड़ी हुई थी. उस साल पीटरसन बतौर आरसीबी कप्तान छह मैच खेलकर वापस इंग्लैंड लौट चुके थे. फिर बीच में ही दिग्गज अनिल कुंबले ने पूरे दमखम से आरसीबी की ध्वज पताका पकड़ ली थी. फाइनल में तो उन्होंने कमाल कर दिया. सिर्फ 16 रन देकर चार विकट. जिसमें गिलक्रिस्ट, रोहित शर्मा और सायमंड्स के विकट थे. यह दुर्भाग्य ही था कि वह फाइनल आरसीबी महज 6 रन से हार गई थी. आखिरी ओवर में डेक्कन चार्जर्स की तरफ से आरपी सिंह ने 12 रन डिफेंड कर लिए. फिर 2009 के बाद  2011 और 2016 में भी आरसीबी फाइनल में पहुंची लेकिन खिताब नहीं जीत पाई. आईपीएल का 17वां सीजन चल रहा है, इस बार शुरू से ही आरसीबी को लेकर क्रिकेट गलियारों में खूब चर्चा रही, इसका कारण यह भी रहा है कि आरसीबी की महिला टीम ने WPL खिताब जीत लिया.

लेकिन फिर इस सीजन में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु टीम का प्रदर्शन अभी तक ऐसा रहा कि इस बार भी उम्मीदें ना के बराबर ही हैं. कई क्रिकेट एक्सपर्ट्स आरसीबी टीम, उसके कप्तान और उसके मैनेजमेंट की तीखी आलोचना करते हुए पाए जा रहे हैं. कुछ ने तो यहां तक कह दिया कि इस टीम के मालिकाना हक को बदल देना चाहिए. कुछ ने विराट कोहली का हवाला दिया कि उनके लिए एकाध बार आरसीबी को ट्रॉफी जरूर जितनी चाहिए. ये सब बातें कहां तक सही हैं, कहां तक गलत हैं, इसका विश्लेषण तो जारी रहेगा लेकिन आईपीएल के इतिहास में क्या आरसीबी इतनी गई गुजरी टीम है जिसकी इस तरह आलोचना होती रहती है.

आरसीबी... आरसीबी... आरसीबी

यह बात दीगर है कि एक के बाद एक सीजन में लगातर हार के बाद भी आरसीबी के फैंस अभी भी हर साल उसी जोश और खरोश से अपनी टीम का समर्थन करते हैं. यहां तक कि इस बार जब महिला टीम ने WPL जीता तो कर्नाटक के सीएम ने बधाई देते हुए कहा कि आरसीबी के फैंस का सपना पूरा हुआ अब पुरुष भी जीत जाए तो सोने पर सुहागा हो जाएगा. फिर उन्होंने लिखा ई साला कप नामदे, यानि कि इस साल कप हमारा होगा. एक तरफ सोशल मीडिया पर आरसीबी के फैंस लोगों से भिड़ जाते हैं तो वहीं खिताबी असफलता के बावजूद भी आरसीबी की ब्रांड वैल्यू आईपीएल की टॉप टीमों में बरकरार है. ब्रांड वैल्यू की बात करें तो मुंबई इंडियंस, सीएसके, केकेआर के बाद इस मामले में आरसीबी चौथे स्थान पर है. 

सीजन दर सीजन आरसीबी का प्रदर्शन चर्चा में रहा. टीम ने जैसा भी प्रदर्शन किया, आरसीबी के फैंस ने उसे सर आंखों पर बिठाए रखा. लेकिन आखिर क्रिकेट एक्सपर्ट्स किन बातों को हाइलाइट करते हैं कि आरसीबी क्यों नहीं खिताब जीत रही है. आरसीबी पैसे भी दिल खोलकर खर्च करती है, हमेशा सितारों से सजी रही है, विराट कोहली आईपीएल इतिहास के सबसे बड़े स्कोरर बने हुए हैं, देश के किसी भी कोने में आरसीबी का मैच हो, फैंस की आवाज में आरसीबी आरसीबी आरसीबी ही रहती है. इसी आरसीबी मैनेजमेंट की महिला ने टीम ने तो एक ट्रॉफी उठा भी ली है और स्मृति मंधाना की टीम दमदार प्रदर्शन भी कर रही है.

सितारों से सजा इतिहास, तो फिर गड़बड़ कहां.. 

पीटरसन, डिविलियर्स, क्रिस गेल, मैक्सवेल, डुप्लेसिस और जैक कालिस जैसे सितारे इस टीम का हिस्सा रह चुके हैं या हैं. तो फिर खिताबी असफलता के कारण क्या हैं. असल में एक्सपर्ट्स का कहना है कि आरसीबी के मैनेजमेंट को ऑक्शन के समय विशेष ध्यान रखना चाहिए. जैसे इस बार उनको बॉलिंग यूनिट में कमी दिखाई दे रही है. उनके पास स्तरीय स्पिनर ही नहीं हैं. हाल के सालों में ऐसा ही रहा है जब उन्होंने पैसे तो खर्च किए लेकिन टीम का संतुलन नहीं बन पाया. दूसरा यह कि बैटिंग में आरसीबी के पूरे इतिहास में गिनती के ही बल्लेबाज रहे हैं जिन्होंने खूब रन बनाए हैं जबकि उन्होंने टीम के साथ कई सीजन बिता दिए हैं. और ये आंकड़े भी कहते हैं. एक बात और क्रिकेट एक्सपर्ट्स कहते हैं कि आरसीबी ने ऐसा लोकल कल्चर नहीं विकसित किया, मसलन देसी खिलाड़ियों को कम ग्रूम किया, उन्होंने विदेशी स्टारों पर ज्यादा भरोसा दिखाया.

विराट कोहली की बात ही कुछ और.. 

रही बात विराट कोहली की, तो वे लगातार बारह साल इस टीम के कप्तान रहे हैं. वे आईपीएल इतिहास के वाहिद ऐसे प्लेयर रहे हैं जो सिंगल टीम से शुरू से ही खेल रहे हैं. कोहली की क्षमता से क्रिकेट जगह वाकिफ है, इसलिए उस पर बात नहीं होनी चाहिए, उन्होंने इस टीम को अपना सौ प्रतिशत दिया है. इस सीजन में भी, जबकि अन्य उनके साथी लड़खड़ा रहे हैं तो वे अकेले दमदार प्रदर्शन करते हुए चले जा रहे हैं. 2016 वाले सीजन में तो मानों वे सुपरमैन बन गए थे जब एक बाद एक भीषण पारियां खेल रहे थे. वे इस समय उपकप्तान की भूमिका में हैं लेकिन टीम का प्रदर्शन उन्हीं के इर्द गिर्द रहता है. डिविलयर्स के साथ उनकी जोड़ी आईपीएल इतिहास की बेहतरीन जोड़ियों में शामिल है. आरसीबी के फैनबेस में कोहली की भूमिका सबसे ज्यादा है. 

ई साला कप नामदे

आखिर में फैंस की बात, तो यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि आरसीबी की असली ट्रॉफियां उनके फैंस ही हैं. आरसीबी चाहे मैच जीत चाहे हारे, उनके फैंस हमेशा उनके लिए खड़े ही रहते हैं. हर साल सीजन शुरू होने से पहले ई साला कप नामदे का नारा, स्टेडियम से लेकर सोशल मीडिया तक गूंजता रहता है. इस बार आरसीबी का प्रदर्शन तो ठीक नहीं रहा लेकिन उनके फैंस अब अगले साल पर नजर बना चुके हैं. ये कहना कि आरसीबी हारसीबी है और कभी खिताब नहीं जीत पाएगी, फैंस के नजरिए से अन्याय होगा. उनका यह सपना जरूर पूरा होगा और कोहली भी स्मृति मंधाना की तरह यह कहते नजर आएंगे कि ई साला कप नामदु.

Trending news