Donald Trump: अमेरिका के नाटो से अलगाव का ऑर्डर दे चुके थे ट्रंप, दोबारा जीते तो करेंगे अमल; नई किताब में कई बड़े दावे
Advertisement
trendingNow12108650

Donald Trump: अमेरिका के नाटो से अलगाव का ऑर्डर दे चुके थे ट्रंप, दोबारा जीते तो करेंगे अमल; नई किताब में कई बड़े दावे

Trump and NATO News: एक पत्रकार ने अपनी नई किताब में दावा किया है कि डोनाल्ड ट्रंप (Donld Trump) ने एक बार ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के तत्कालीन अध्यक्ष जनरल मार्क मिले और तत्कालीन रक्षा सचिव मार्क एस्पर को अमेरिका (US) को नाटो (NATO) से बाहर निकलने का आदेश जारी किया था. 

Donald Trump: अमेरिका के नाटो से अलगाव का ऑर्डर दे चुके थे ट्रंप, दोबारा जीते तो करेंगे अमल; नई किताब में कई बड़े दावे

Former US President Donald Trump: अमेरिका का राष्ट्रपति रहते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के तत्कालीन अध्यक्ष जनरल मार्क मिले और तत्कालीन रक्षा सचिव मार्क एस्पर को अमेरिका (US) को नाटो (NATO) से बाहर निकलने का आदेश जारी किया था. सीएनएन के पत्रकार जिम स्कुट्टो ने अपनी किताब 'द रिटर्न ऑफ ग्रेट पॉवर्स' में व्हाइट हाउस (White House) में डोनाल्ड ट्रंप के कई पूर्व सलाहकारों का हवाला देते हुए यह दावा किया है. 

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन का जिक्र

किताब में लिखा है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में लौटने पर औपचारिक रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका को नाटो से वापस लेने की कोशिश करेंगे. ट्रंप प्रशासन में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन का सीएनएन पर जिम स्कुट्टो ने यह कहते हुए जिक्र किया, "नाटो वास्तविक खतरे में होगा. और मुझे लगता है कि वह बाहर निकलने की कोशिश करेगा." 

पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ रिटायर्ड जनरल जॉन केली का भी हवाला

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, किताब में डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ सेवानिवृत्त जनरल जॉन केली के हवाले से कहा गया है कि सिर्फ नाटो ही नहीं, ट्रंप दक्षिण कोरिया और जापान में भी अमेरिकी सैनिकों को नहीं रखना चाहते हैं. जॉन केली ने कथित तौर पर किताब में कहा, "मुद्दा यह है कि उन्हें नाटो में कोई मतलब नहीं दिखता. वह दक्षिण कोरिया में फिर से एक बड़ी ताकत के रूप में सेना रखने या जापान में एक मददगार फोर्स के रूप में सेना रखने के बिल्कुल खिलाफ थे."

व्लादिमीर पुतिन और किम जोंग उन पर डोनाल्ड ट्रंप की राय

जॉन केली के अनुसार, ट्रंप का मानना ​​था कि व्लादिमीर पुतिन और किम जोंग उन "ठीक" लोग हैं. केली ने याद करते हुए कहा, "उन्होंने सोचा था कि (व्लादिमीर) पुतिन एक अच्छा आदमी था और किम (जोंग उन) भी एक अच्छा आदमी था. हमने उत्तर कोरिया को एक कोने में धकेल दिया था. उनके लिए, यह ऐसा था जैसे हम इन लोगों को उकसा रहे थे. अगर हमारे पास नाटो नहीं होता, तो पुतिन ये चीजें नहीं कर रहे होते."

किताब में दावा किया गया है कि ब्रसेल्स में गठबंधन के 2018 शिखर सम्मेलन में डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राज्य अमेरिका को नाटो से लगभग हटा दिया था.
ब्रसेल्स में ट्रंप की मानसिकता का वर्णन करते हुए केली ने कहा, "वह हमेशा बड़बड़ाते रहते थे और ऊपर-नीचे उछलते रहते थे और कई बार वह कहते थे, 'ठीक है, मैं उनसे ज्यादा स्मार्ट हूं.' वह और भी बहुत कुछ बोलते रहते थे."

ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ और रक्षा सचिव को राष्ट्रपति का आदेश

एक पूर्व वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कथित तौर पर किताब के लेखक को बताया कि ट्रंप ने संयुक्त राज्य अमेरिका के तत्कालीन ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ जनरल मार्क मिले और तत्कालीन रक्षा सचिव मार्क एस्पर को नाटो से बाहर निकलने के आदेश जारी किए थे. उन्होंने कथित तौर पर राष्ट्रपति के निर्देश को "वैध आदेश" माना और अमेरिका की नाटो से वापसी को अमल में लाने की योजना बनाई.

जॉन बोल्टन ने किताब के लेखक जिम स्कुट्टो को 2018 शिखर सम्मेलन का याद दिलाई. बोल्टन ने कहा, "भगवान के नाम पर और बेहद ईमानदारी से कहूं तो यह डरावना था, क्योंकि हमें नहीं पता था कि आखिरी मिनट तक वह क्या करने जा रहे थे. मेरा मतलब है या मुझे लगता है कि उसने कहा था कि वह नाटो से बाहर निकलने वाला है. अगर वह फिर वापस आ गया तो यह जरूर करेगा."

Trending news