इस उम्र के स्टूडेंट्स शुरू कर देते हैं सीक्रेट रखना, जानिए क्यों बच्चों पर गुस्सा करना पड़ सकता है भारी
Advertisement
trendingNow11805184

इस उम्र के स्टूडेंट्स शुरू कर देते हैं सीक्रेट रखना, जानिए क्यों बच्चों पर गुस्सा करना पड़ सकता है भारी

Children Secrets: उम्र बढ़ने के साथ ही बच्चों को इस यह एहसास होने लगता है कि उन्‍हें किसे क्‍या और कितनी बात बतानी है और क्या सीक्रेट रखना है. ऐसे में उनकी आदतों पर गौर करें और अपने और बच्‍चे के बीच में सेफ्टी जोन बनाकर.

इस उम्र के स्टूडेंट्स शुरू कर देते हैं सीक्रेट रखना, जानिए क्यों बच्चों पर गुस्सा करना पड़ सकता है भारी

Children Secrets: बचपन बड़ा मासूम होता है, तभी तो एक छोटा बच्चा बड़ी आसानी से अपने मन की हर बात बता देते हैं. उसके बाद जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, वे अपने मन की बातों को फिल्‍टर करके बताने लगते हैं. बच्चे उम्र के साथ ये आदत सीख ही लेता है और इससे कहीं ना कहीं उन्‍हें कंफर्ट भी मिलता है। आप भले ही बच्‍चे के लिए बहुत फ्रेंडली पैरेंट बन जाएं लेकिन फिर भी कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिन्‍हें बच्‍चा अपने पैरेंट्स से छिपाता है.

बच्‍चे को बहुत ज्‍यादा डिसिप्लिन में न रखें
अगर मां-बाप बच्‍चे को ज्यादा डिसिप्लिन में रखते हैं तो वे टीनएज में आते आते पैरेंट्स से सीक्रेट रखना शुरू कर देते हैं.  जब बच्‍चों को बहुत ज्‍यादा अनुशासन में रखने से वे मां-बाप से बातें साझा करने में हिचकने लगते हैं. धीरे-धीरे यह भी हो सकता है कि बच्चे आपसे बहुत सारे सीक्रेट रखने लगे. सीक्रेट रखने से बच्‍चों को समझ आता है कि उनकी जिंदगी में क्‍या पर्सनल है और उन्‍हें क्‍या चीजें दूसरों के साथ शेयर नहीं करना चाहिए.

बच्‍चों का सीक्रेट रखना कितना सही है? 
बातों को छुपाने और उनमें फिल्टर लगाने के मामले में एक लिमिट तो होनी जरूरी है. बच्‍चों के मन में बहुत ज्‍यादा सीक्रेट रहने के कारण वो परिवार के सदस्‍यों से दूर होने लगता हैं. इस तरह धीरे-धीरे समय से पहले ही वे मैच्योर हो जाते हैं और उनकी पर्सनल और इमोशनल अटैचमेंट खत्‍म होने लगती है. इस तरह फिर वो खुद में ही ज्‍यादा इनवॉल्‍व रहने लगते हैं.

पैरेंट्स इस बात का रखें ध्यान
मांता-पिता को बच्‍चों की एक्टिविटीज पर नजर रखनी चाहिए, लेकिन हर चीज में रोक-टोक सही नहीं है. बच्‍चों पर अपना सीक्रेट बताने या अपनी बात मनवाने के लिए उन पर इमोशनल दबाव ना डालें. उन्हें इस तरह का माहौल दें कि वे खुद आकर आपसे बात करें. ऐसा सीक्रेट जिससे नुकसान हो सकता है, उसके बारे में खुलकर बात करने के समझाएं. 

ऐसे निकलवाएं उसके सीक्रेट्स 
आपका बच्‍चा आपसे कोई सीक्रेट ना रखे  तो थोड़ा धैर्य रखें और अपने बच्‍चे को थोड़ा समय दें. बच्‍चों से अपने लेवल की मैच्‍योरिटी की उम्‍मीद करना उसके और आपके    लिए बिल्कुल गलत हो सकता है.

बच्‍चों को पनिशमेंट के डर लगता है, जिसके कारण वे सीक्रेट रखने लगते हैं, उन्हें सजा से बचने का यही सही तरीका लगता है.  ऐसे में बच्‍चे को बताएं कि मन की बात कहने से उन्हें कोई पनिशमेंट नहीं मिलेगी, ताकि वो आपसे बात करने में कंफर्टेबल रहे. 

Trending news