सुबह 7.49 पर कन्फर्म: मां सोनिया की सीट रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे Rahul Gandhi, हो गई घोषणा
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सुबह 7.49 पर कन्फर्म: मां सोनिया की सीट रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे Rahul Gandhi, हो गई घोषणा

Amethi Lok Sabha Chunav: यूपी की दो लोकसभा सीटों पर आज पूरे देश की नजरें हैं. राहुल गांधी फिर से अमेठी से चुनाव नहीं लड़ेंगे. आधी रात के बाद कांग्रेस पार्टी से जो जानकारी छनकर सामने आ रही थी. वह सच निकली. गांधी परिवार के करीबी केएल शर्मा अमेठी से और राहुल खुद रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे. 

सुबह 7.49 पर कन्फर्म: मां सोनिया की सीट रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे Rahul Gandhi, हो गई घोषणा

Rahul Gandhi Priyanka Gandhi: सुबह 7.49 पर कांग्रेस ने ट्वीट कर अमेठी और रायबरेली से उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. केएल शर्मा अमेठी से और राहुल गांधी को रायबरेली से पार्टी ने टिकट दिया है. आज दोपहर 3 बजे से पहले अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार को अपना पर्चा दाखिल करना है. आधी रात तक अटकलें और बैठकों का दौर चलता रहा. पोस्टर लाए गए हैं और रोडशो की तैयारी है. पहले कहा जा रहा था कि राहुल गांधी चाहते हैं कि अमेठी और रायबरेली से गांधी परिवार का सदस्य चुनाव न लड़े लेकिन आधी रात सीन बदल गया.  

10 बजे अमेठी पहुंच रहा गांधी परिवार

इससे पहले खबर आई थी कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सुबह 7.30 बजे दिल्ली से अमेठी के लिए निकलेंगे. वे फुर्सतगंज एयरपोर्ट पर करीब 9.30 बजे पहुंचेंगे. कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली के प्रत्याशियों के बारे में सपा को सूचित कर दिया है. कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली में सपा के स्थानीय पदाधिकारियों को नामांकन में शामिल होने का न्योता भी दिया है. अब यह साफ है कि राहुल गांधी अमेठी नहीं, रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे.

पढ़ें: राजीव गांधी का वो पुराना साथी कौन है, जिसे कांग्रेस ने अमेठी से बनाया उम्मीदवार

2004 से 2019 तक अमेठी से जीते राहुल

हां, राहुल 2004 से 2019 तक अमेठी के सांसद रहे हैं. पिछली बार भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने उन्हें शिकस्त दी थी. अमेठी में स्मृति ईरानी के सामने राहुल के करीबी केएल शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा गया है. किशोरी लाल राजीव गांधी के समय से अमेठी और रायबरेली में सक्रिय हैं. 

राहुल रायबरेली से क्यों?

सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने से इस बार रायबरेली सीट खाली हुई है. सोनिया गांधी ने 2004 से 2024 तक रायबरेली लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने मोदी लहर में भी अपनी सीट बरकरार रखी. शायद कांग्रेस को लगता है कि वहां की जनता इस बार भी गांधी परिवार को निराश नहीं करेगी. जबकि अमेठी सीट से मुश्किल यह थी कि राहुल गांधी ने पिछले पांच साल केरल की अपनी वायनाड सीट पर ही ज्यादा फोकस रखा. वह अमेठी से दूर ही रहे. ऐसे में वहां से चुनाव लड़ने पर कई तरह की शंकाएं जन्म ले रही थीं. सुबह पता चला था कि इंदिरा गांधी की नजदीकी रिश्तेदार और कांग्रेस की पूर्व नेता शीला कौल के पौत्र को वैकल्पिक उम्मीदवार के तौर पर तैयार रखा गया है. 

1967 में रायबरेली से लड़ी थीं इंदिरा

अमेठी और रायबरेली गांधी-नेहरू परिवार के पारंपरिक क्षेत्र माने जाते हैं क्योंकि इस परिवार के सदस्यों ने दशकों तक प्रतिनिधित्व किया है. सबसे पहले इंदिरा गांधी ने 1967 में रायबरेली से चुनाव लड़ा था और जीती भी थीं. उसके बाद उन्होंने 1971 में चुनाव जीता. 1977 में वह अपनी यह सीट राजनारायण से हार गईं. बाद में 1980 में फिर जीतीं. बाद में 1999 में सतीश शर्मा जीते. 2004 में सोनिया गांधी के पास यह सीट चली गई. 

दूसरी तरफ अमेठी से 1977 में पहली बार संजय गांधी ने चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए. 1980 में वह जीते. 1984 में राजीव गांधी ने अमेठी से चुनाव लड़ा और 1989 और 1991 में भी जीते. 1999 में सोनिया गांधी अमेठी से चुनाव लड़ने गईं. उसके बाद से राहुल गांधी जीतते रहे. 2019 में स्मृति ईरानी ने उन्हें हरा दिया. 

प्रियंका केवल प्रचार करेंगी

आधी रात ही साफ हो गया था कि प्रियंका गांधी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी. आज सुबह गांधी परिवार अमेठी और रायबरेली पहुंचेगा तब वह साथ रहेंगी. देर रात खबर आई कि कांग्रेस ने प्रशासन से रोडशो की इजाजत भी मांगी है. राहुल और अखिलेश यादव के पोस्टर लगाए गए हैं. 

कांग्रेस पार्टी ने यूपी की दोनों सीट पर नामांकन पत्र दाखिल करने की तैयारियां पूरी कर ली हैं. कुछ घंटे पहले भाजपा ने दिनेश प्रताप सिंह को रायबरेली से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. 2019 के लोकसभा चुनाव में वह सोनिया गांधी से हार गए थे. 

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