IAS Success Story: 30 दिन ऐसे की तैयारी और क्लियर किया यूपीएससी एग्जाम, ये रही नम्रता जैन की पूरी स्ट्रेटजी
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IAS Success Story: 30 दिन ऐसे की तैयारी और क्लियर किया यूपीएससी एग्जाम, ये रही नम्रता जैन की पूरी स्ट्रेटजी

IAS Namrata Jain Success Story: जिन नोट्स को आप रिवाइज करते हैं, उनके साथ-साथ एनसीईआरटी की कुछ बेसिक किताबों से रिवीजन करना भी समझदारी होगी जो आपके बेस को और मजबूत करने में मदद करेगा.

IAS Success Story: 30 दिन ऐसे की तैयारी और क्लियर किया यूपीएससी एग्जाम, ये रही नम्रता जैन की पूरी  स्ट्रेटजी

Namrata Jain IAS Biography: नम्रता जैन एक IAS अधिकारी हैं, जिन्होंने UPSC CSE 2018 परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 12 (AIR) हासिल की थी. नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा से यूपीएससी को पास करने और आईएएस में जगह हासिल करने तक नम्रता का सफर प्रेरणादायक रहा है. उन्होंने यूपीएससी सीएसई प्रीलिम्स से 30 दिन पहले अपनी तैयारी की स्ट्रेटजी की थी.

Make revision your best friend
“यूपीएससी सीएसई प्रीलिम्स से एक महीने पहले जितना हो सके उतना रिवीजन करें. जितना ज्यादा समय आप रिवीजन में लगाएंगे, आपके टॉप पर आने की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी. कोशिश करें और इस पॉइंट पर किसी भी नए सब्जेक्ट को उठाने से बचें. पिछले कुछ हफ्तों को आदर्श रूप से अभी तक आपने जो कुछ भी पढ़ा है, उसे दोहराने के लिए अलग रखा जाना चाहिए.” जिन नोट्स को आप रिवाइज करते हैं, उनके साथ-साथ एनसीईआरटी की कुछ बेसिक किताबों से रिवीजन करना भी समझदारी होगी जो आपके बेस को और मजबूत करने में मदद करेगा.

Use mock papers also for revision
"मैंने मॉक टेस्ट के साथ-साथ रिवीजन के लिए बेसिक का भी इस्तेमाल किया. मैं पेपर में हर सवाल को हल करने के लिए नहीं बैठी बल्कि मुश्किल सवालों को मार्क किया और उन सब्जेक्ट पर अपनी पकड़ मजबूत करने पर काम किया. कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप परीक्षा से पहले कौन सा कंटेंट उठाते हैं."

Maintain a balance in your attempts
"कैंडिडेट्स सेलेक्ट करते हैं कि पेपर के कठिनाई के लेवल के आधार पर वे कितने सवाल अटेंप्ट करेंगे. इसलिए, पूरे पेपर को देखने के लिए कुछ मिनट का समय लें और फैसला लें. यदि आपको पेपर आसान लगता है, तो सवालों को ज्यादा हल करने के चक्कर में न पड़ें. इसी तरह, यदि पेपर कठिन है, तो कम प्रयास करने से बचें."

Previous year papers will help understand a pattern
"पिछले सालों के पेपर केवल तैयारी के दृष्टिकोण से ही उपयोगी नहीं हैं बल्कि सीएसई के पेपरों के प्रवाह और तकनीक को समझने के लिए भी उपयोगी हैं. इससे उम्मीदवारों को पता चल जाएगा कि उन्हें पेपर में क्या उम्मीद करनी है और वे उसी के मुताबिक तैयार हो सकते हैं. नम्रता कहती हैं, उम्मीदवारों को कम से कम पिछले 5 साल के पेपर को पढ़ने में समय बिताना चाहिए."

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