CBSE Open Book Exams: ओपन बुक एग्जाम के 5 फायदे और नुकसान
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CBSE Open Book Exams: ओपन बुक एग्जाम के 5 फायदे और नुकसान

CBSE Curriculum Framework: क्लास 9 और 10 के लिए इंग्लिश, मैथ्स, साइंस और क्लास 11 और 12 के लिए  इंग्लिश मैथ्स और बायोलॉजी सब्जेक्ट के लिए नवंबर-दिसंबर में चुनिंदा स्कूलों में पायलट प्रोग्राम आयोजित किया जाएगा.

CBSE Open Book Exams: ओपन बुक एग्जाम के 5 फायदे और नुकसान

CBSE Academic Assessments: एक ऐतिहासिक कदम में, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा 9-12 के लिए ओपन बुक परीक्षा (ओबीई) कराने पर विचार-विमर्श करने के लिए दिसंबर 2023 में बैठक बुलाई. मूल्यांकन के उद्देश्य से इस प्रस्ताव पर शिक्षा एक्सपर्ट्स और स्टेकहोल्डर्स के बीच चर्चा हुई. क्लास 9 और 10 के लिए इंग्लिश, मैथ्स, साइंस और क्लास 11 और 12 के लिए  इंग्लिश मैथ्स और बायोलॉजी सब्जेक्ट के लिए नवंबर-दिसंबर में चुनिंदा स्कूलों में पायलट प्रोग्राम आयोजित किया जाएगा. सीबीएसई ने पिछले साल जारी नेशनल करिकुल फ्रेमवर्क (एनसीएफ) के आधार पर मूल्यांकन के इस रूप का प्रस्ताव दिया है.

ओपन बुक एग्जाम के फायदे

Encourages Critical Thinking: ओबीई क्रिटिकल थिंकिंग और प्रॉबलम सॉल्विंग स्किल को बढ़ावा देते हैं क्योंकि छात्रों को फैक्ट याद रखने के बजाय जानकारी का एनालिसिस करने और कॉन्सेप्ट को लागू करने की जरूरत होती है. यह अप्रोच सब्जेट की गहरी समझ को बढ़ावा देता है और स्टूडेंट्स की वास्तविक दुनिया की स्थितियों में गंभीर रूप से सोचने की क्षमता को बढ़ाता है.

Reduces Memorization Pressure: ट्रेडिशनल एग्जाम के विपरीत, ओबीई स्टूडेंट्स पर बड़ी मात्रा में जानकारी याद रखने का दबाव कम करता है. इसके बजाय, वे परीक्षा के दौरान कॉन्सेप्ट को समझने और संसाधनों तक पहुंचने पर फोकस करते हैं, जो रीयल लाइफ सिनेरिओ की नकल करता है जहां जानकारी तक पहुंच आसानी से उपलब्ध है.

Promotes Resource Management Skills: ओबीई स्टूडेंट्स को सवालों के जवाब देने के लिए टेक्स्ट बुक, नोट्स और ऑनलाइन कंटेंट जैसे उपलब्ध संसाधनों का प्रभावी ढंग से मैनेज और इस्तेमाल करने के लिए मोटिवेट करता है. यह रिसोर्सफुलनेस डेवलप करता है और स्टूडेंट्स को इन्फोर्मेशन सोर्सेज को कुशलतापूर्वक नेविगेट करना सिखाता है, जो आज के डिजिटल युग में एक वेल्यूएबल स्किल है.

Enhances Learning Engagement: एग्जाम के दौरान स्टूडेंट्स को संसाधनों तक पहुंच की इजाजत देकर, ओबीई मूल्यांकन प्रक्रिया को रीयल लाइफ की स्थितियों के लिए ज्यादा एंगेजिंग और रेलीवेंट बनाते हैं. छात्र सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल होते हैं, जिससे सब्जेक्ट मेटर में मोटिवेशन और इंटरेस्ट बढ़ता है.

Assesses Application of Knowledge: ओबीई स्टूडेंट्स की थ्योरेटिकल नॉलेज को प्रक्टिकल सिचुएशन में लागू करने की क्षमता का आकलन करता है. सूचना के एनालिसिस और सिंथेसिस की जरूरत वाले सवालों को पेश करके, ओबीई स्टूडेंट्स की समझ और एप्लिकेशन स्किल्स का मूल्यांकन करते हैं, जिससे सीखने के रिजल्ट का ज्यादा व्यापक माप प्रदान किया जाता है.

ओपन बुक एग्जाम के नुकसान

Risk of Dependence on Resources: ओबीई की मुख्य आलोचनाओं में से एक परीक्षा के दौरान स्टूडेंट्स के बाहरी संसाधनों पर बहुत ज्यादा निर्भर होने का जोखिम है. यदि छात्र सवाल के जवाब देने के लिए रेफरेंस मैटेरियल पर बहुत ज्यादा भरोसा करते हैं तो इससे वास्तविक समझ और क्रिटिकल थिंकिंग स्किल की कमी हो सकती है.

Potential for Inequity: ओबीई स्टूडेंट्स के बीच मौजूदा असमानताओं को बढ़ा सकता है, क्योंकि सभी स्टूडेंट्स को टैक्सबुक्स, नोट्स या ऑनलाइन कंटेंट जैसे संसाधनों तक बराबह पहुंच नहीं है. वंचित बैकग्राउंड वाले या संसाधनों तक सीमित पहुंच वाले स्टूडेंट्स अपने साथियों की तुलना में नुकसान में हो सकते हैं.

Time Management Challenges: ओबीई को संसाधनों के माध्यम से नेविगेट करने और अलॉट टाइम के भीतर सवालों के जवाब देने के लिए मजबूत टाइम मैनेजमेंट स्किल की जरूरत होती है. जो स्टूडेंट टाइम मैनेजमेंट करने में अच्छे नहीं हैं, उनके लिए सटीक जानकारी को जल्दी और कुशलता से ढूंढना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, जिससे परीक्षा में उनके प्रदर्शन पर संभावित प्रभाव पड़ सकता है.

Difficulty in Assessing Mastery: ओबीई में कंटेट में छात्रों की महारत का मूल्यांकन करना टीचर्स के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि ओपन-बुक फॉर्मेट समझ की कमियों को छुपा सकता है. उन स्टूडेंट्स के बीच अंतर करना मुश्किल हो सकता है जो वास्तव में कंटेंट को समझते हैं और जो केवल यह जानते हैं कि आंसर कहां मिलेंगे.

Risk of Academic Dishonesty: ओबीई एकेडमिक डिशऑनेस्टी का ज्यादा जोखिम पैदा करते हैं, क्योंकि स्टूडेंट्स को बाहरी सोर्स से जवाब की नकल करने या चोरी करने का प्रलोभन दिया जा सकता है. शैक्षणिक अखंडता बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि छात्र ओबीई के दौरान नैतिक मानकों का पालन करें, इसके लिए सतर्क निगरानी और मजबूत प्रॉक्टरिंग उपायों की आवश्यकता होती है.

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