Indian Railway: यहां यात्रियों को नहीं होना पड़ेगा परेशान, सावन माह के लिए रेलवे ने की प्लेटफॉर्म-ट्रेन में नॉन-वेज की नो एंट्री
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Indian Railway: यहां यात्रियों को नहीं होना पड़ेगा परेशान, सावन माह के लिए रेलवे ने की प्लेटफॉर्म-ट्रेन में नॉन-वेज की नो एंट्री

Vegetarian Food in Trains: इस साल 4 जुलाई से सावन महीने की शुरुआत होने जा रही है. इस पवित्र माह की शुरुआत होते ही बिहार के भागलपुर में रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में नॉन-वेज खाना मिलना बंद हो जाएगा. 

Indian Railway: यहां यात्रियों को नहीं होना पड़ेगा परेशान, सावन माह के लिए रेलवे ने की प्लेटफॉर्म-ट्रेन में नॉन-वेज की नो एंट्री

Vegetarian Food in Trains: रेल यात्रियों के लिए एक बहुत ही अच्छी खबर है. सावन का महीना जल्दी ही शुरू होने वाला है. अब सावन के पवित्र महीने में ट्रेन से सफर करने वाले शिवभक्तों को परेशान नहीं होना पडे़गा. इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) ने एक बड़ा फैसला लिया है. 

सावन के महीने में इस शहर में ट्रेन में यात्रियों को केवल शाकाहारी खाने की ही सुविधा दी जाएगी. जानकारी के मुताबिक बिहार के भागलपुर जिले में आगामी 4 जुलाई से 'सावन' के महीने में सिर्फ शाकाहारी खाना ही मिलेगा और नॉन-वेज खाने की एंट्री पूरी तरह से बंद रहेगी. वहीं, साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा. 

बिना प्याज-लहसुन का होगा खाना
हिंदू कैलेंडर के श्रावण मास के चलते बिना प्याज और लहसुन का बना हुआ खाना यात्रियों को दिया जाएगी. शाकाहारी खाने के साथ फल भी दिए जाएंगे. ये व्यवस्था पूरे सावन के महीने के लिए लागू रहेगी. 

इस बार 58 दिन का होगा सावन का महीना
4 जुलाई 2023 से इस साल सावन का महीना शुरू हो रहा है जो कि 31 अगस्त 2023 तक चलेगा. इस बार सावन का महीना पूरे 58 दिन का होगा. इस साल 10 जुलाई को सावन का पहला सोमवार पड़ेगा और 28 अगस्त को सावन का आखिरी सोमवार आएगा.

हिंदू कैलेंडर के मुताबिक सावन सबसे पवित्र महिनों में से एक होता है. इस महीने में हर सोमवार को भगवान शिव के आराधक व्रत-उपासक रखकर शिवजी की उपासना करते हैं. कांवड़िए श्रावण मास में कांवड़ यात्रा भी करते हैं.

यात्रियों की धार्मिक आस्था को ध्यान में रखकर लिया ये फैसला
इस कांवड़ यात्रा में कांवड़िये कांवड़ में पवित्र गंगाजल लेकर अनेक मंदिरों के दर्शन करते हुए यात्रा करते हैं. कांवड़िए उत्तराखंड में हरिद्वार, गोमुख, गंगोत्री और बिहार के सुल्तानगंज तक यात्रा करके पवित्र गंगा नदी से जल लाकर अपने आराध्य शिवजी को जल अर्पित करते हैं.

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