मध्य प्रदेश में करेरी माता का मंदिर है. जिसका संबंध महाभारत काल से माना जाता है.
शाजापुर से 10 किमी की दूरी पर उज्जैन की तराना तहसील में स्थित है.
माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण राजा कर्ण ने करवाया था.
करेरी माता का यह मंदिर 5000 साल पुराना है.
इस मंदिर की देखभाल कई वर्षों से नाथ समाज के लोग करते आ रहे हैं.
यह कहा जाता है कि करेड़ी माता का पौराणिक नाम देवी कनकवती था.
देवी कनकावती राजा कर्ण की आराध्य देवी मानी जाती हैं. यहां मां सती का कर्ण (सोना) फूल गिरा था, इसलिए इसे कर्णावती और कनकावती के नाम से जाना जाता है.
भगवान कृष्ण ने पांडवों को पहाड़ी पर भेजा था. वो आज पाण्डुखोह के नाम से प्रसिद्ध है. महाभारत काल में पांडवों ने यहां 14 वर्ष का वनवास काटकर मां की आराधना की थी.