Gaza War: क्या इजरायल ने हथियारों के इस्तेमाल में अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ा, US रिपोर्ट में जताया गया शक
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Gaza War: क्या इजरायल ने हथियारों के इस्तेमाल में अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ा, US रिपोर्ट में जताया गया शक

US News: कांग्रेस को दी गई एक रिपोर्ट में, विदेश विभाग ने कहा है कि गाजा में सैन्य अभियान के दौरान अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल करने में अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन हो सकता है हालांकि इसके ठोस सबूत नहीं मिले. 

Gaza War: क्या इजरायल ने हथियारों के इस्तेमाल में अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ा, US रिपोर्ट में जताया गया शक

Israel-Hamas War: बाइडेन प्रशासन ने शुक्रवार को यह शक जताया कि इजरायल ने गाजा में सैन्य अभियान के दौरान अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल करने में अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन किया है. यह अमेरिका द्वारा इजरायल की अब तक की सबसे कड़ी आलोचना है.

हालांकि इसके साथ ही अमेरिका ने यह कहा भी गाजा में युद्ध के कारण वह अमेरिकी हथियारों के इस्तेमाल में कथित उल्लंघन के पुख्ता सबूत नहीं जुटा सका है. इसलिए आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस को दी गई एक बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट में, विदेश विभाग ने कहा है कि इजरायल और जांच के तहत कुछ अन्य देशों द्वारा दिया गया आश्वासन कि वे अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून (आईएचएल) के अनुसार अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं विश्वसनीय और भरोसमंद हैं.

सप्लाई निलंबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं
इजरायल के मामले में, रिपोर्ट इज़राइली अनुपालन के बारे में गहरी आशंका व्यक्त करती है लेकिन कहती है कि अमेरिका के पास अमेरिकी हथियारों की सप्लाई को निलंबित करने की सिफारिश करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं.

रिपोर्ट को फरवरी में जो बिडेन द्वारा साइन किए एक राष्ट्रीय सुरक्षा ज्ञापन (एनएसएम-20) के तहत तैयार किया गया है ताकि यह आकलन किया जा सके कि अमेरिकी हथियार प्राप्तकर्ता मानवाधिकार कानून का पालन कर रहे हैं या नहीं.

विरोधाभासी रिपोर्ट
रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, डेमोक्रेटिक सीनेटर क्रिस वान होलेन ने कहा कि प्रशासन ने 'सभी कठिन सवालों को नजरअंदाज कर दिया है' और इस बात पर बारीकी से विचार करने से परहेज किया कि क्या इजरायल के आचरण का मतलब यह होना चाहिए कि सैन्य सहायता बंद कर दी जाए.

होलेन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'यह रिपोर्ट अपने आप में विरोधाभासी है क्योंकि यह निष्कर्ष निकालती है कि यह मानने के लिए उचित आधार हैं कि अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हुआ है, लेकिन साथ ही यह भी कहा गया है कि उन्हें गैर-अनुपालन नहीं मिल रहा है.'

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