दहेज के झूठे आरोपों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है. हाईकोर्ट ने कहा कि शादी के समय दूल्हा-दुल्हन को मिलने वाले उपहारों की सूची रखी जाए, जिससे की शादी के बाद दोनों पक्ष एक दूसरे पर दहेज के झूठे आरोप न लगा सकें.
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मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: दहेज के झूठे आरोपों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है. हाईकोर्ट ने कहा कि शादी के समय दूल्हा-दुल्हन को मिलने वाले उपहारों की सूची रखी जाए, जिससे की शादी के बाद दोनों पक्ष एक दूसरे पर दहेज के झूठे आरोप न लगा सकें. हाईकोर्ट ने दहेज निषेध अधिनियम 1961 की धारा 3(2) का हवाला दिया है.
दहेज लेनदेन में 5 साल सजा
दहेज निषेध अधिनयम की धारा 3 के मुताबिक दहेज लेने या फिर देने पर कम से कम 5 साल की सजा का प्रावधान है. धारा 3 की उपधारा (2) के मुताबिक शादी के समय दूल्हे दुल्हन को मिलने वाले उपहार को दहेज नहीं कहते हैं, लेकिन शादी के समय मिलने वाले उपहार की सूची रखने का प्रावधान है, हाईकोर्ट ने कहा कि दहेज निषेध अधिनियम 1961 की धारा 3 (2) को अक्षरशः लागू करने की जरूरत है, ताकि ऐसे तुच्छ मुकदमेबाजी से नागरिकों को बचाया जा सके.
23 मई को होगी अगली सुनवाई
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से भी पूछा है कि दहेज निषेध अधिनियम के अनुपालन को लेकर कितने अधिकारियों की नियुक्ति की गई है. हाईकोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा है कि अगर नियुक्ति नहीं हुई है तो बढ़ते दहेज के मामलों को कैसे रोका जाएगा. कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा है कि दहेज निषेध अधिनियम के मुताबिक विवाह पंजीकरण के समय शादी में मिलने वाले उपहार की सूची ली जा रही है या नहीं. 23 मई को अब मामले में हाईकोर्ट अगली सुनवाई करेगी, अंकित सिंह व अन्य की याचिका पर जस्टिस विक्रम डी चौहान की सिंगल बेंच सुनवाई कर रही थी.
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