Mahadev App Case: दुर्ग टू दुबई, जूस की दुकान से शुरू होकर महादेव बेटिंग ऐप कैसे बना करोड़ों का काला साम्राज्य?
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Mahadev App Case: दुर्ग टू दुबई, जूस की दुकान से शुरू होकर महादेव बेटिंग ऐप कैसे बना करोड़ों का काला साम्राज्य?

Mahadev Illegal Betting App: महादेव अवैध सट्टेबाजी ऐप जिसकी शुरुआत छत्तीसगढ़ में हुई. यह ऐप जल्द ही पूरे देश में फैल गया और हवाला के जरिए करोड़ों रुपये का लेनदेन होने लगा. इस मामले में ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू की और 700 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

Mahadev Illegal Betting App Empire

Mahadev Illegal Betting App Empire: छत्तीसगढ़ से संचालित महादेव बेटिंग ऐप की अगर बात करें तो आज इसकी चर्चा पूरे देश में है. महादेव बेटिंग ऐप से जुड़े मामले में कई बड़ी हस्तियों के नाम भी सामने आए हैं. महादेव बेटिंग ऐप केस का नाम बहुत से लोगों ने सुना है. हालांकि, कई लोगों को इसके केस के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, तो चलिए आज हम आपको महादेव बेटिंग ऐप के बारे में सबकुछ बताते हैं कि कब इसे बनाया गया? कैसे छत्तीसगढ़ के भिलाई से यह देश के कई राज्यों तक पहुंचा? 

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ऐसा शुरू महादेव बेटिंग ऐप का काला साम्राज्य
महादेव बेटिंग ऐप की बात करें तो इसके मुख्य संचालक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल हैं. इसकी शुरुआत वर्ष 2020 में कोरोना काल के दौरान छत्तीसगढ़ से हुई. इससे पहले भी दोनों संचालक बैटिंग करते थे. सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल दुर्ग जिले के भिलाई के रहने वाले हैं. दोनों दोस्त हैं. सौरभ चंद्राकर ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है, रवि उप्पल ने कंप्यूटर कोर्स भी किया है. पढ़ाई के बाद सौरभ चंद्राकर भिलाई में जूस सेंटर चलाता था, रवि उप्पल वहां जूस पीने आता था, उसी दौरान दोनों में दोस्ती हुई और महादेव सट्टा ऐप बनाने का प्लान बनाया. सूत्र बताते हैं कि 2019 के अंत में सौरभ चंद्राकर ने हैदराबाद जाकर महादेव सट्टा ऐप डेवलप कराया था. वह भिलाई की एक जूस दुकान से सट्टा ऐप का संचालन करना शुरू किया. कोरोना काल में आईपीएल के दौरान उसके सट्टे के कारोबार से करोड़ों की काली कमाई होने लगी. फिर हैदराबाद के एक सट्टेबाज और डेवलपर के संपर्क के कारण सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल दोनों दुबई चले गए और वहां से सट्टेबाजी का कारोबार चलाने लगे.

काला कारोबार पूरे देश में पहुंचा 
छत्तीसगढ़ के भिलाई से शुरू हुआ यह काला कारोबार धीरे-धीरे देश के अन्य राज्यों तक पहुंच गया. 20 मार्च 2022 को दुर्ग में पहली एफआईआर दर्ज की गई. इसके बाद रायपुर समेत पूरे प्रदेश में कार्रवाई की गई. पुलिस ने अब तक राज्य में करीब 100 मामले दर्ज किए हैं. सट्टे के पैसों के लेनदेन का मामला सामने आया. महादेव सट्टा ऐप मामले की जांच ईडी कर रही है. ईडी ने हवाला कारोबार से जुड़े कुछ कई लोगों को गिरफ्तार किया है. महादेव सट्टा ऐप मामले में अब तक कुल 700 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. ये गिरफ्तारियां अलग-अलग जगहों से हुईं. दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, यूपी, मध्य प्रदेश और गोवा समेत कई राज्यों से गिरफ्तारियां की गईं. सौरभ चंद्राकर की शादी फरवरी 2023 में दुबई में हुई थी. उस दौरान शादी पर 200 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, जो चर्चा का विषय बन गया और बॉलीवुड कनेक्शन भी सामने आया. ईडी ने इस मामले में निलंबित एएसआई चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर, हवाला कारोबारी सुनील दम्मानी और अनिल दम्मानी समेत कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है. दम्मानी समेत कई आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. 

क्रिप्टोकरेंसी से लेनदेन, 18 राज्यों के बैंक खाते
ईडी की रिपोर्ट पर इसी साल जनवरी में पूर्व सीएम भूपेश बघेल और महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल समेत 16 अन्य लोगों के खिलाफ एसीबी/ईओडब्ल्यू में एफआईआर दर्ज की गई थी. पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर्स से प्रोटेक्शन मनी लेने का आरोप है. हाल ही में महादेव सट्टा ऐप मामले में फरार बर्खास्त सिपाही अर्जुन यादव को मध्य प्रदेश के पंचमढ़ी से गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद 13 आरोपियों को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया. इस मामले में एक दर्जन से अधिक आरोपी फिलहाल न्यायिक रिमांड पर हैं. अब बैंकों की भी जांच की जा रही है. आरोपियों द्वारा खाता कैसे खुलवाया गया? कैसे इतने ट्रांजेक्शन हुए? उसकी भी जांच की जा रही है. हाल ही में एमपी के पंचमढ़ी से गिरफ्तार बर्खास्त सिपाही अर्जुन यादव से पूछताछ में कई बड़े खुलासे हुए हैं. 18 राज्यों में बैंक खाते हैं. कुछ अंतरराष्ट्रीय बैंक खाते हैं जो बंद किये जा रहे हैं. अर्जुन को क्रिप्टोकरेंसी के जरिए अकाउंट खोलने का मैसेज आया है. अब सट्टेबाज क्रिप्टो के जरिए पैसा विदेश भेज रहे हैं. बर्खास्त सिपाही अर्जुन यादव इसी माध्यम से विदेश पैसे भेज रहा था. अलग-अलग राज्यों से भी पैसा भेजा गया, क्योंकि क्रिप्टो को ट्रेस करना मुश्किल है.

रिपोर्ट: सत्य प्रकाश (रायपुर)

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