यदि बच्चा हारने पर रोने के बजाए बार-बार जीतने की कोशिश करता है तो इससे उसका विल पावर दिखता है, जो यह दर्शाता है कि वह मेंटली स्ट्रांग है.
यदि बच्चा हर काम को बहुत ही धैर्य के साथ करता है तो यह उसे मानसिक रूप से मजबूत होने का संकेत है.
यदि बच्चा हर काम को बहुत ही सोच समझ कर करता है, जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं करता है तो वह मेंटली स्ट्रांग है.
जो बच्चे मानसिक रूप से मजबूत होते हैं वह बात-बात पर शिकायत नहीं करते है. उनमें परिस्थिति के अनुरूप ढलने की कला होती है.
ऐसे बच्चे जिनमें नई चीजों को सीखने और जानने की जिज्ञासा ज्यादा होता है वह मेंटली स्ट्रांग होते हैं.
मेंटली स्ट्रांग बच्चे दूसरे बच्चों को देखकर काम करने के बजाए अपने इंस्ट्रेस के अनुसार चीजों को करना पसंद करते हैं.
मानसिक रूप से मजबूत बच्चों को लालच देकर फंसाना आसान नहीं होता है. उन्हें जो नहीं पसंद वो काम वो किसी कीमत पर नहीं करते हैं.