भारत में राजनीतिक बदलाव की शुरुआत के लिए तीसरा आम चुनाव मील का पत्थर साबित हुआ है. पहले आम चुनाव 1952 में लगे चार महीने और दूसरे आम चुनाव 1957 में लगे तीन महीने के वक्त के मुकाबले में तीसरा आम चुनाव 1962 महज एक हफ्ते में ही कंप्लीट हो गया था. 19 फरवरी से 25 फरवरी 1962 के बीच तीसरा आम चुनाव पूरा कर लिया गया था. इस चुनाव में कांग्रेस ने सत्ता की हैट्रिक तो लगा ली, लेकिन संसद में न सिर्फ उसका कद घटा, बल्कि लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बावजूद जवाहर लाल नेहरू की चमक भी फीकी पड़ने लगी.
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