Great Wall of China: क्या वाकई स्पेस से दिखती है Great Wall of China, यह है सच?
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Great Wall of China: क्या वाकई स्पेस से दिखती है Great Wall of China, यह है सच?

Great Wall of China News: दुनिया की सबसे लंबी दीवार क्या वाकई स्पेस से नजर आती है? यह एक ऐसा सवाल है, जिस पर लोगों को अलग-अलग मत रहे हैं. आज हम इस दावे की पूरी सच्चाई आपको बताने जा रहे हैं.

Great Wall of China: क्या वाकई स्पेस से दिखती है Great Wall of China, यह है सच?

Is the Great Wall of China visible from space: चीन की ग्रेट वॉल के बारे में तो आप सबने खूब पढ़ा होगा. यह दुनिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित परियोजना है. यह दीवार चीन में मिंग राजवंश के दौरान बनवाई गई थी. यह दीवार उत्तर में मिंग राजवंश की ओर से निर्मित किले Shanhai Pass से 5 किमी आगे तक जाती है. यह दीवार इस किले से शुरू या खत्म होती है. वहीं पश्चिम में इसका समापन लोप झील में होता है. यह चीन की दूसरी सबसे बड़ी अंतर्देशीय झील है. कहते हैं कि Great Wall of China स्पेस से भी दिखाई देती है. लेकिन क्या यह वाकई सच है. आखिर अंतरिक्ष से चीन की महान दीवार दिखने का सच क्या है. 

मिंग राजवंश ने बनवाई थी दीवार

इस सच के बारे में बताने से पहले आपको चीन के मिंग राजवंश के बारे में जानकारी देते हैं. वही राजवंश जिसने Great Wall of China का निर्माण करवाया था. मिंग राजवंश ने 1368 ई. से 1644 ई. तक चीन पर शासन किया था. इसी दौरान 1579 में इस दीवार का निर्माण शुरू हुआ था. 

करीब 8850 किमी है दीवार की लंबाई

दुनिया की सबसे लंबी ये दीवार करीब 8850 किमी लंबी है. यह दक्षिण से शुरू करके उत्तर में इनर मंगोलिया तक जाती है. इस दीवार को लाओलोंगटौ या ओल्ड ड्रैगन हेड के नाम से भी जाना जाता है. इसकी वजह ये है कि यह दीवार ऊपर से देखने पर समुद्र से पानी पीते हुए एक लंबे ड्रैगन जैसी लगती है. ओल्ड ड्रैगन हेड बोहाई सागर में लगभग 23 मीटर तक फैला हुआ है

क्या अंतरिक्ष से दिखती है चीन की दीवार?

द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना को लेकर दुनिया में कई झूठे दावे प्रचलित हैं.. ऐसा ही एक दावा है कि यह अंतरिक्ष से दिखाई देने वाली एकमात्र मानव निर्मित संरचना है. यह झूठ करीब 300 वर्षों तक चलन में रहा. इस झूठ की शुरुआत तब हुई, जब 1754 में, अंग्रेजी वैज्ञानिक रेव विलियम स्टुकले ने पहली बार सुझाव दिया कि चीन की महान दीवार अपनी विशाल लंबाई के कारण चंद्रमा से दिखाई दे सकती है. इसके बाद दुनिया इसी झूठ पर विश्वास करती रही.

वैज्ञानिकों ने उठा दिया झूठ से पर्दा

हालांकि नासा के अपोलो मिशन ने इस झूठे दावे को हमेशा के लिए खारिज कर दिया. चंद्रमा पर जाने वाले दुनिया के पहले व्यक्ति नील आर्मस्ट्रांग ने कहा कि उन्होंने चंद्रमा की सतह से पृथ्वी पर कोई मानव निर्मित संरचना नहीं देखी. चंद्रमा से देखने पर पृथ्वी पर केवल महाद्वीप, झीलें और नीले-सफेद रंग के बिखरे हुए धब्बे नजर आए थे. 

दिखाई देता है केवल संदर गोला

चंद्रमा पर कदम रखने वाले चौथे व्यक्ति एलन बीन ने भी ऐसा ही दावा किया था. एलन ने कहा, चंद्रमा से आप जो एकमात्र चीज देख सकते हैं वह एक सुंदर गोला है, जिसमें ज्यादातर सफेद, कुछ नीले और पीले रंग के धब्बे हैं. कई बार कुछ हरी वनस्पतियां भी नजर आती हैं. हालांकि वहां से कोई भी मानव निर्मित वस्तु दिखाई नहीं देती है. 

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