Lok Sabha Voting: आज की 96 सीटों में से आधी भी नहीं जीती थी भाजपा, जानें कहां लगी टकटकी
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Lok Sabha Voting: आज की 96 सीटों में से आधी भी नहीं जीती थी भाजपा, जानें कहां लगी टकटकी

4th Phase Voting News: आज की वोटिंग के बाद साउथ इंडिया में लोकसभा चुनाव समाप्त हो जाएगा. जिन 96 लोकसभा सीटों पर आज वोटिंग हो रही है उसमें आधी भी भाजपा नहीं जीती थी. कांग्रेस का प्रदर्शन भी दहाई में नहीं पहुंचा. ऐसे में यह समझना दिलचस्प है इन सीटों का गणित क्या है. 

Lok Sabha Voting: आज की 96 सीटों में से आधी भी नहीं जीती थी भाजपा, जानें कहां लगी टकटकी

Lok Sabha Phase 4 Election: लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में आज 96 सीटों पर वोटिंग हो रही है. गर्मी के बावजूद लोगों का उत्साह देखते बन रहा है. पहली बार पोलिंग बूथ पर वोट देने पहुंच रहे युवा सेल्फी भी ले रहे हैं. ऐसे में यह समझना दिलचस्प हो जाता है कि इन सीटों में भाजपा और कांग्रेस का क्या कुछ दांव पर है. साथ ही वो सीटें कौन सी हैं, जहां पूरे देश की नजरें होंगी. यह भी जान लीजिए कि आज शाम वोटिंग समाप्त होने के साथ ही 17 राज्यों और 4 केंद्रशासित प्रदेशों में आम चुनाव समाप्त हो जाएगा. 10 प्वाइंट्स में पूरी बात जानिए. 

  1. पिछले लोकसभा चुनाव में आज की 96 लोकसभा सीटों में से भाजपा को 42, YSRCP को 22, टीआरएस को 9, कांग्रेस को 6, टीएमसी को 4, शिवसेना-बीजेडी और ओवैसी की एआईएमआईएम को 2-2 सीटें मिली थीं. 2014 की तुलना में भाजपा का प्रदर्शन बेहतर हुआ था. पीएम मोदी के पहले कार्यकाल के समय 2014 में बीजेपी को 38, टीडीपी को 16 और कांग्रेस को सिर्फ 3 सीटें मिली थीं. 
  2. एक और महत्वपूर्ण बात, इस बार अब तक के चुनावों में वोटिंग का प्रतिशत कम ही रहा है. ऐसे में चुनाव आयोग ने जागरुकता अभियान चलाकर पूरी कोशिश की है कि ज्यादा से ज्यादा वोटरों को पोलिंग बूथ पर लाकर मतदान प्रतिशत को 70 के ऊपर पहुंचाया जाए. वैसे, 2019 के आम चुनाव में आज की 96 सीटों पर 69 प्रतिशत ही वोट पड़े थे.
  3. आज की वोटिंग के बाद जिन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश में लोकसभा चुनाव खत्म हो जाएंगे उसमें शामिल हैं- आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, उत्तराखंड, त्रिपुरा, सिक्किम, असम और गोवा. अंडमान निकोबार द्वीप समूह, पुदुचेरी, लक्षद्वीप, दादरा नगर हवेली और दमन एवं दीव. इस तरह से देखिए तो आज के बाद साउथ इंडिया में चुनाव समाप्त हो जाएगा. 
  4. आज जिन दिग्गजों की सीटों पर मतदान होना है- उसमें अखिलेश यादव की कन्नौज सीट, गिरिराज सिंह की बेगूसराय, अजय मिश्र की खीरी, शत्रुघ्न सिन्हा की आसनसोल, अर्जुन मुंडा की खूंटी, किशन रेड्डी की सिकंदराबाद, नित्यानंद राय की उजियारपुर, बंगाल में महुआ मोइत्रा की कृष्णानगर लोकसभा प्रमुख हैं. 
  5. हाई प्रोफाइल सीटों का गणित: खूशबू बिखेरने वाले इत्र की धरती कन्नौज भी एक हाई-प्रोफाइल सीट है. आज यहां वोटिंग हो रही है. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव 12 साल बाद फिर यहां से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. पिछले दिनों राहुल गांधी समेत INDIA गठबंधन के नेताओं ने कन्नौज में संयुक्त रैली की थी. अखिलेश का सीधा मुकाबला भाजपा के सुब्रत पाठक से है. 
  6. लखीमपुर खीरी:  केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी भाजपा के टिकट पर तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. किसान लगातार उनका विरोध करते रहे हैं. उनके बेटे पर चार किसानों को गाड़ी से कुचलने का आरोप लगा है. 
  7. बेगूसराय: पिछली बार कन्हैया कुमार लेफ्ट से चुनाव लड़े थे लेकिन इस बार गठबंधन के कारण उन्हें मौका नहीं मिला. फिलहाल वह कांग्रेस के टिकट पर दिल्ली से लड़ रहे हैं. मोदी सरकार में मंत्री गिरिराज सिंह यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. बसपा और सीपीआई से उन्हें चुनौती मिल रही है. 
  8. आसनसोल: भोजपुरी गायक पवन सिंह को भाजपा ने यहां से टिकट दिया था लेकिन उन्होंने मना कर दिया. यहां से टीएमसी ने अपने सांसद और एक्टर शत्रुघ्न सिन्हा को उतारा है. इसके अलावा पांचवीं सीट झारखंड की खूंटी है. यहां से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा मैदान में हैं. कांग्रेस और बसपा से टक्कर है. 
  9. बीड: महाराष्ट्र की यह सीट इस बार खास है. भाजपा ने दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे को टिकट दिया है. शरद पवार की पार्टी से बजरंग सोनवणे उन्हें चुनौती दे रहे हैं. एनडीए के गढ़ में इस बार भाजपा के लिए परीक्षा है. टेस्ट इसलिए क्योंकि सवाल यह है कि शिवसेना और एनसीपी के टूटने के बाद क्या वह 2019 की स्थिति बरकरार या बेहतर कर पाएगी. 
  10. हैदराबाद: ओवैसी का गढ़ बन चुकी हैदराबाद सीट पर इस बार भाजपा ने माधवी लता के रूप में हिंदूवादी चेहरा उतारा है. यह दक्षिण में भाजपा का नया गढ़ बन सकता है. वैसे भी भगवा दल को साउथ में कुछ खास सफलता नहीं मिली है. 1984 से यह सीट ओवैसी परिवार के पास रही है. इस बार देशभर के लोगों की नजरें यहां हैं कि क्या भाजपा वो इतिहास बदल पाएगी? 

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